भारत में भाषाई विविधता क्या है? भारत दुनिया के उन अनूठे देशों में से एक है जहां भाषाओं में विविधता की विरासत है। भारत के संविधान ने 22 आधिकारिक भाषाओं को मान्यता दी है। हालांकि आधिकारिक तौर पर यहाँ 122 भाषाएं हैं, भारत के लोगों के भाषाई सर्वेक्षण में 780 भाषाओं की पहचान की गई है, जिनमें से 50 पिछले पांच दशकों में विलुप्त […]
Category: Pedagogy of Language
भाषा विकास में सुनने और बोलने की भूमिका
भाषा विकास में सुनना एवं बोलना की भूमिका (Role Of Listening And Speaking In Language Development) बालक के भाषा विकास में सुनने एवं बोलने की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। सुनना और बोलना पढ़ने और लिखने की क्षमताओं के लिए आवश्यक भूमिका तैयार कर देते हैं। वास्तव में ये चार क्षमतायें भाषा के परस्पर सहकारी अंग हैं। भाषा विकास में सुनने की भूमिका का महत्व निम्नवत् है शुद्ध उच्चारण करने में – सुनना एक स्वाभाविक […]
भाषा शिक्षण के सिद्धांत
भाषा शिक्षण से संबंधित कुछ सिद्धांत निम्नलिखित हैं 1) अभिप्रेरणा एवं रुचि का सिद्धांत( Theory of motivation and interest ) सिद्धांत के अनुसार भाषा तथा उसकी पाठ्य सामग्री के प्रति रुचि उत्पन्न करना आवश्यक है शिक्षण प्रणालियों का चुनाव बच्चों की रुचि एवं आवश्यकताओं के अनुरूप किया जाना चाहिए 2) क्रियाशीलता का सिद्धांत ( Theory […]
भाषा अधिगम और भाषा अर्जन
भाषा भाषा वह साधन है जिसके द्वारा हम अपने विचारों को व्यक्त करते है और इसके लिये हम वाचिक ध्वनियों का उपयोग करते हैं। भाषा मुख से उच्चारित होनेवाले शब्दों और वाक्यों आदि का वह समूह है जिनके द्वारा मन की बात बतलाई जाती है। सामान्यतः भाषा को वैचारिक आदान-प्रदान का माध्यम कहा जा सकता […]